हज इस्लाम के पांच मिनारों में से एक है, और यह जिल हिज्जा के महीने में किया जाता है; मतलब बकरीद में इसलिए hajj karne ka tarika in hindi काफ़ी लोग जानना चाहते थे जो हज करने जा रहे हैं, ताकि उन्हें हज करने में कोई परेशानी ना हों और वह सही तरीके से हज कर सके और सवाब हासिल कर सकें.
इस्लाम में हज करना सबसे अफजल इबादतों में से एक है, हज साल में एक ही बार किया जा सकता है; और जिंदगी में जितनी बार चाहे कर सकते हैं.
हज सऊदी अरब में मक्का में होता है, वही उमराह भी मक्का में होता है; लेकिन उमरह आप कभी भी कर सकते हैं, साथ ही साथ आप हज और उमरा साथ में भी कर सकते हैं.
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Hajj karne ka tarika in hindi
Hajj karne ka tarika in hindi में सबसे पहले आपको अपने मुल्क से सऊदी अरब जाना होता है; उसके बाद आपको हज के तमाम फरजों, अरकानों, शरतों, सुन्नतों और वाजिबातों पर अमल करना होता है।
ईन सब चीजों की मालूमात होने के बाद आपको हज करना होता है; और इन चीजों को जानने के बाद ही आप सही तरीके से हज कर सकते हैं।
हज इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आखरी महीने जिलहिज्जा की आठवीं तारीख से लेकर बारहवीं तारीख तक किया जाता है; इन 5 दिनों में ही मुकम्मल हज होता है, जिस का तरीका हम आपको बताने जा रहे हैं.
Hajj karne ka tarika in hindi
हज को जाने का सपना हर एक मुसलमान शख्स का होता है, जो अपने प्यारे आका और उनके शहर से बहुत ही ज्यादा मोहब्बत करता है; और जो उनके करीब होना चाहता है.
तो चलिए अब हम आपको बताते हैं, Hajj karne ka tarika in hindi step by step (sahi tarika)
Note:- उम्मीद करते है, कि आपने अपने सभी जरूरी काम जैसे टिकट, वीजा, होटल (सऊदी में) और सभी कागजाती काम कर लिए होंगे हज हाउस से. इसलिए हम आपको अब सिर्फ वही चीज़ें बताएंगे जो बहुत से लोग करना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से या तो उनका हज अधूरा रह जाता है, या तो सवाब में थोड़ी कमी हो जाती है.
और हाँ फिर से याद दिल दूँ कि हम ये मान कर चल रहे हैं, कि आपने सब चीजें कर ली हैं; और सिर्फ Hajj karne ka tarika in hindi जानना चाहते हैं, जिससे आपका हज अच्छे से हो जाए.
हज करने से पहले इन चीजों को जान लें। –
- हज की शरतें कितनी हैं।
- हज के अरकान कितने हैं।
- हज के वाजिबात कितने हैं।
- हज में किस चीज का पैसा लगता है।
- हज का खर्चा कितना होता है।
- भारत में हज करने का खर्चा कितना है।
Hajj karne ka tarika in hindi step by step (sahi tarika)
हम आपको अब hajj karne ka sahi tarika in hindi 2022 aur pura tarika बताने वाले हैं; इसलिए आपसे गुजारिश है, कि आप इस article को पूरे ध्यान से पढ़ें.
आइये जानते हैं, Hajj karne ka tarika in hindi step by step.
ये है, Hajj karne ka tarika in hindi
- अपनी सारी तैयारियां कर लें, जैसे टिकट, वीजा और बाकी सभी कागजाती काम
- हज की नीयत कर लें
- एहराम कर लें
- 7 मर्तबा तवाफ करे
- सफा और मरवाह को जाए
- अपने बालों को कटवा लें (यहां पर आपका उमरा पूरा होता है)
- इबादत
- फिर से एहराम कर लें
- मीना को जायें
- अराफा का दिन
- मुजदलिफा
- रमी करना
- कुर्बानी देना
- सर मुंडा लें
- तवाफ़ अल-इफ़दाह
- रमी करना
- मीना में रात बिताओ
- रमी करें
- मिना में रात बिताएं
- विदाई, तवाफ़ अल-विदा करें
- दो रकात नमाज़ अदा करें
- मुबारक हो, आप अब हाजी बन गए हैं
जी हां, अब जाकर आपका हज मुकम्मल होगा इन सभी points को करना जरूरी है, और यही हज का सही तरीका है; अब आइए आपको इन सभी पॉइंट को और भी गहराई में बताते हैं, जिससे आपको पूरा का पूरा सवाब मिलेगा हज करने का.
हज से पहले नमाज़ पढने का सही तरीका जरूर जानें।
- फजर की नमाज का तरीका।
- जोहर की नमाज का तरीका।
- असर की नमाज़ का तरीका।
- मगरिब की नमाज़ का तरीका।
- ईशा की नमाज का तरीका।
- मस्जिद में नमाज अदा करने का सही तरीका।
Hajj karne ka tarika in hindi step by step 2022
Hajj karne ka sahi tarika in hindi शुरू करने से पहले ये बता दूँ कि हज के तीन रूप हैं:- तमत्तू, इफ्राद और क़िरान. इस हज गाइड में हम हज के तमत्तू रूप का तरीका बताने जा रहे हैं, जिसे प्यारे नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम नें अपने उम्मतीयों को करने के लिए बोला था आइये अब step by step शुरू करते हैं.
Step 1:- मान लीजिए कि आप मक्का शहर में उतर गए हैं, और आपको हज की नियत पहले से ही कर लेनी है; अपने मन में (अच्छा तो यही रहेगा कि आप अपने देश से ही हज का इरादा और नियत कर ले और तब हवाई जहाज में बैठे).
नोट:- एक बात याद रखें कि हज हमेशा अल्लाह की रज़ा के लिए करनी है, और आखिरत के लिए करनी है; कभी भी लोगों को दिखाने के लिए ऐसा नहीं करना है, सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के लिए ही हज करनी है.
Step 2:- नियत करने के बाद आपको एहराम करना है, यानी कि पाकीजगी को पाना है;मर्दों और औरतों के लिए एहराम का तरीका अलग है.
मर्दों को अपने कंधों के चारों ओर सफेद कपडे को लपेटना है, और अपने कमर के नीचे एक कपड़ा लपेटना है, (बिल्कुल लुंगी जैसे).
औरतें अपनी पसंद के कोई भी कपड़े पहन सकती हैं, लेकिन वे कपड़े बदन को अच्छे से ढके और हिजाब के नियमों का पूरा करें; हालांकि, चेहरा ढंकने की इजाज़त नहीं है, इसलिए नाकाब ना लगायें पूरी तरह से ढकने वाले जूतों की भी इजाज़त नहीं है.
Step 3:- आपने जैसे ही हज की नीयत कर ली तो अब आपको एहराम की हालत में जाना है; यानी कि सफेद रंग के कपड़े पहनने हैं, इसमें आपको एक खुली लुंगी और एक चादर जैसे कपड़े मिलेंगे जिसे आपको पहनना होगा.
बता दें कि आपको ये एहराम वहीं मिलेगा और पहनने का तरीका भी बताया जाएगा अगर नहीं बताते हैं; तो आपको एक चादर अपनी कमर के नीचे बांध लेनी है, जैसे लुंगी बांधते हैं, और दूसरे चादर को अपने कंधे पर ओढ़ लेना है, जैसे शॉल पहनते हैं.
नोट:- आपको एहराम पहनना बेहद जरूरी है, और इसे पहनने का काफी सख्त rule है; हर हज को जाने वाले शख्स को ये पहनना जरूरी है.
Step 4:- अब आपको सबसे पहले उमराह (umrah) कराया जाएगा, जैसे ही आप मक्का को आएँगे; उमराह में आपको तवाफ और सई कराया जाएगा.
Tawaf में आपको काबा के चारों ओर गोलगोल चक्कर लगाना होता है, घड़ी की उल्टी दिशा में, इसे Tawaf कहते हैं; Tawaf में आपको काले पत्थर से घूमना शुरू करना होता है, और वहीं पर आकर खत्म.
ये भी पढ़ें। –
- 15 SHORT SURAH IN HINDI
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Step 5:- जैसे ही आपका तवाफ खतम हो जाता है, तब आपको सई करना होता है,सई में आपको दो पहाड़ों जिनका नाम सफा और मरवा है, उनके बीच में चलना और दौड़ना होता है, सफा से मरवा तक.
आपको सफा से चलते रहना है, जब तक आप हरी बत्ती ना देख लें फिर वहीं से चलते हुए मरवा तक जाना होता है; और एक बार आप मरवा तक पहुंच गए तब आपको वापस से सफा को आना है, ऐसा आपको 7 मर्तबा करना है.
यानी आपको नीचे लिखा हुआ पैटर्न follow करना है……
- सफा से मरवा
- मरवा से सफा
- सफा से मरवा
- मरवा से सफा
- सफा से मरवा
- मरवा से सफा
- सफा से मरवा
आपको सई से जुड़ी एक जरूरी बात बता दूँ कि सई इस्लाम में बहुत बड़ा किरदार निभाता है, जिसका बहुत बड़ा औहदा है; ये इब्राहिम अलैहिस्सलाम की बीवी हजर की जद्दोजहद जो उन्होंने अपने बेटे इस्माइल की प्यास बुझाने के लिए रेगिस्तान में की थी उसको दर्शाता है.
जुमे का बयान जरूर पढें। –
- जुम्मे के दिन सुरह कहफ पढ़ने के फायदे।
- जुम्मे के दिन इस सुरह को जरूर पढना चाहिए।
- जुम्मे के दिन क्या करना चाहिए?
- जुम्मे की नमाज का तरीका।
Step 6:- अब जब आपका सई पूरा हो जाए तो आपको अपना बाल कटवाना है; एक बात याद रखें कि मर्दों को अपना पूरा बाल कटवाना या मुंडवाना है, (बाल बेहद छोटा होना चाहिए) और औरतों को अपने उंगली के नोख बराबर बालों को कटवाना है.
मुबारक हो! यहां पर आपका उमराह (Umrah) पूरा हो जाता है, और अब आप एहराम को छोड़ सकते हैं.
नोट:- आपको बता दें कि आप उमराह के इस पड़ाव (सई के दौरान) पर बहुत थक जाएंगे और आपको प्यास लगने लगेगी तो आपको यहां कुछ-कुछ देर मे आराम करना होता है, और ज़मज़म का पानी पीते रहना होता है.
Step 7:- अब आपका हज शुरू होता है, जिल हिज्जा के आठवे दिन को, अब आपको फिर से एहराम की हालत में जाना होगा; ताकि आप अपनी जिंदगी का सबसे प्यारा पल महसूस कर पायें.
अब जब आप पूरी तरह से तैय्यार हो जायें तो आपको नीचे लिखी दुआ पढ़नी है, जिसे तलबिया कहते हैं; हमने उस दुआ को नीचे लिख दिया है.
لَبَّيْكَ اللَّهُمَّ لَبَّيْكَ، لَبَّيْكَ لاَ شَرِيْكَ لَكَ لَبَّيْكَ، إِنَّ الْحَمْدَ وَالنِّعْمَةَ لَكَ وَالْمُلْكَ لاَشَرِيْكَ لَكَ
तो आपको ऊपर लिखी दुआ को तैय्यार होने के बाद पढ़नी है, और फिर आपको मीना के तंबू शहर की ओर निकल जाना है; अपने साथियों के साथ जिनके साथ आप आए थे (आपको ले जाने के लिए haj house वालों ने गाड़ी का इन्तेजाम करवा दिया होगा, सऊदी में आपको किसी भी चीज़ के लिए tension नहीं लेना है).
इन चीजों की मालूमात होना हर मुसलमान को होना चाहिए। –
- कुरान में कितने सजदे हैं, और उनके फायदे।
- फर्ज नमाज के बाद की तस्बीह।
- फर्ज नमाज के बाद की दुआ।
- हर नमाज़ के बाद की दुआ।
Step 8:- आप जैसे ही मीना को पहुंच जाएंगे आपको अपने टेंट में चले जाना है, और वहां जोहर, असर, मगरिब, ईशा और फजर की नमाज पढ़नी हैं; 4 रकातों को 2 रकातों में तोड़ कर पढ़ना है. तो अब मीना में आपको अल्लाह की इबादत करनी है, और कुरान पढ़नी है.
आप से गुजारिश है, कि आप इन दिनों और रातों को बर्बाद ना करें और हर वक्त बस अल्लाह का ही नाम लें और उसकी ही इबादत में लगे रहना है.
Step9:- अब आपको इस पूरे मुबारक महीने में मीना में रहना है, और जितनी ज्यादा हो सके उतनी अल्लाह की इबादत करनी है; और ढेर सारा सवाब हासिल करना हैं.
आपको वहाँ पर बहुत अच्छा लगेगा क्यूंकि प्यारे नबी की जमीन पर हैं; और आपके आमने सामने आपके मुस्लिम भाई-बहन और अल्लाह की मुकद्दस कलाम है.
फजर की नमाज पढ़ने के बाद आपको अराफह ले जाया जायेगा आपको उस वक़्त अस्तगफार पढ़ना है, दुआयें मांगनी हैं; और फिर आपको 2 रकात जोहर और असर की नमाज सबके साथ में पढ़ना है, उस दिन मस्जिद अल नीमरा से ख़ुत्बाह होगा जो आपको कोशिश करनी है, की आप सुन लें.
नोट:- हो सकता है, की आपको इंग्लिश में भी ख़ुत्बाह सुनाया जाये इसलिए चिंता न करें की अरबी तो हमें समझ नहीं आएगी.
इस दिन अल्लाह बेहद ही महरबान होता है, जो लोग अराफ़ा पर खड़े होते हैं, और अल्लाह फरिश्तों को भेजता है; की जाओ देखो वो क्या मांग रहा है.
इसलिए आप जरूर से अराफ़ा के मैदान पर खड़े हों और ढेर सारी दुआएं मांगे अपने अल्लाह से उसके हबीब के सदके में.
Step 10:- सूरज ढलने के बाद आपको मुजदलीफाह को ले जाया जाएगा, मुज़दलीफह एक खुला मैदान है; वहां पहुँचने पर आपको मग़रिब और ईशा की नमाज़ पढाई जाएगी.
ईशा की नमाज़ को 2 रिकात में तोड़ दी जाएगी फिर आप सोने चले जाएंगे या आप चाहे तो इबादत में भी जुट सकते हैं; लेकिन हाँ, मुज़दलीफह के दौरान आपको आराम करने के लिए टेंट नहीं मिलेंगे आपको खुले में ही आराम या बाकि चीज करना होगा लेकिन वजू खाना और बाथरूम का इंतजाम जरूर रहेगा.
नोट:- मुज़दलीफह के दौरान आप चाहे तो पत्थर भी जुटा सकते हैं, शैतान को मरने के लिए (इसे रमी कहते हैं). एक बात का ध्यान रखें की आपको कहर के बीज जीतन अब्दा ही पत्थर उठाना है. और आपको कुल 49 पत्थरों की जरुरत पड़ेगी.
7 पत्थर 10 जिल हिज्जा, 21-21 पत्थर 11 ओर 12 जिल हिज्जा के लिए. लेकिन आपको सिर्फ 49 पत्थर ही नहीं उठाने हैं; आपको इतना उठाना है, की आप शैतान की 49 पत्थर मर दें क्यूंकि जब आप रमी कर रहे होंगे तो हो सकता है, कि आपके हाथ से कुछ पत्थर गीर जाएं या कुछ निशाना चूक जाये.
इसलिए कहा जाता है, की कम से कम 70 पत्थर जुरूर बटोर लें ये पत्थर आप पूरे मीना में से कहीं से भी चुन सकते हैं.
चंद मसनून दुआएं जो हर मुसलमान को पता होनी चाहिए। –
- सोने से पहले की दुआ।
- सो कर उठने की दुआ।
- खाना खाने से पहले और बाद की दुआ।
- पानी पीने से पहले और बाद की दुआ।
Step 11:- अब अगले दिन सुबह होने पर फजर की नमाज़ पढ़ने के बाद आपको मीना के ओर ले जाया जायेगा और जो मैंने ऊपर दुआ यानि तल्बियह बताई थी उसे भी पढ़ते रहें.
मीना की ओर जाते वक्त. अब जिल हिज्जा का 10 वां दिन आ गया है; जिसे यौम अल नहर कहा जाता है / ईद अल जुहा या बकरीद, इस दिन आपको जमारत (शैतान) पर पत्थर मारनी है, और क़ुरबानी देनी है.
अब आपको मीना में जमारत अल-अकाबा और उसके साथ दो और जमारत को भी ले जाया जायेगा, जहाँ 3 जमारत पर पत्थर मारनी है (जिन पत्थरों को आपने जमा किया था)
हम शैतान को पत्थर मारते हैं, इन जमरातों पर पत्थर मारकर और इस पत्थर मारने के रिवाज को रमी कहते हैं,जैसे आप पहुँचते हैं; आपके सामने 3 बड़े-बड़े पिलर दिखेंगे यहाँ आपको 7 पत्थर मारने हैं प, हले पिलर पर; आपको हर पत्थर के वार पर (अल्लाहु अकबर) कहना होगा.
क़ुरबानी के बाद आपको अपने सर मुंडवाने हैं, अगर मर्द हों तो और अगर औरतें हों तो अपने बालों को ऊँगली की नोख जितना काट लें; अब आप एहराम की हालत से निकल सकते हैं, और आरामदायक कपडे पहन सकते हैं.
नोट:- जब तक आप एहराम की हालत में हों आपको गाली नहीं देनी, गुस्सा नहीं करना है. एहराम की हालत में और आपको धूम्रपान करने, कसम खाने, दाढ़ी-मोछ बनाने, अपने नाखून काटने या किसी भी किस्म के यौन संबंध बनाने की छूट नहीं है; और लड़ाई और बहस पर भी रोक है,
और हाँ हज करने वाले को शिकार करने, मारने या गलत तरीके से कुछ भी तोड़ने से मना किया जाता है.
आप खुशबूदार चीज़ीं जैसे परफ्यूम, मॉइस्चराइज़र, मेकअप, फेसवाश, शैम्पू, साबुन भी न लगाएं (इनमे भी खुसबू होती है). लेकिन आप बिना खुशबू वाली फीकी चीजें लगा सकते या सकती हैं, लेकिन मेकअप नहीं करना है, और अफजल तो यही है, की जो मना है, वो न करें.
लेकिन आप एहराम की हालत के बाद इन सभी चीजों को कर सकते हैं, लेकिन यौन से जुड़े काम करना मना है; इसलिए जबतक आप सऊदी में हैं, तब तक यौन से जुड़े काम (मुश्टजनि यानी मैस्टबेशन भी मना है.
Step 12:- अब आप रमी, क़ुरबानी, और सर मुंडन करने के बाद मक्का को जाएंगे तवाफ-अल-इफाधा और सई करने के लिए; ये हज का बेहद ही जरुरी स्टेप है, इसके बिना हज पूरा नहीं होता.
इसलिए जो कहा जाए आपको वो करना है, वहां जाना है, जहाँ आपको ले जाया जा रहा है; आप इसे 10-12 जल हिज्जा को कर सकते हैं.
जब आप तवाफ-अल-इफाधा और सई कर लेंगे तब आप हर वो काम कर सकते हैं, जो एहराम के वजह से नहीं कर पा रहे थे; इसके बाद आपको यौन करने की इजाजत है.
लेकिन अगर आप न करें तो और अल्लाह में लगे रहे तो अल्लाह को आप बहुत पसंद आएंगे.
चंद खास सुरतों की हैरान कर देने वाली फजीलत। –
Step 13:- अब 11-12 जिल हिज्जा आता है, और इस दिन को अय्यम अल-तशरीक कहते हैं, इस दिन हज करने को आये लोग क़ुरबानी के गोश्त को धूप में सूखाते हैं; क्यूंकि प्यारे नबी ने कहा है.
अभी आपको मीना में ही रहना है, और बचे हुए दो और रमी करने हैं; आपने एक रामी कर लिया है, जिसमे आपने 7 पत्थर मारा था और अब आपको जमरात पर 7-21-21 पत्थर फिर मारने हैं.
आप जमारा अल-उला (छोटा पिलर), फिर जमरा अल-वुस्ता (बिच वाला पिलर) और अंत में, जमारा अल-अकाबा (बड़ा पिलर) से शुरू करेंगे.
हर एक पत्थर को फेंकते वक्त अल्लाह हु अकबर जरूर पढ़ें आप क़िबला की ओर मुंह करके दुआ करने के लिए पहले और बीच वाले जमरात के बाद रुकेंगे.
अब आपको अपने मीना के टेंट में चले जाना है, बाकि के दिन गुजारने हैं; आपको इनमे ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी होगी और अल्लाह से दुआ मांगी होगी ताकि अल्लाह आपकी सभी गुनाहों को माफ़ कर दे.
फिर अगले दिन भी यानी 12 जिल हिज्जा को भी जमारत पर पत्थर मारना है, और फिर बाकि के दिन तिजारत और इबादत में गुजार दें.
जब आपका डेट पूरा हो जाये तो आप मक्का को जा सकते हैं, अपने हज करने को आये दोस्तों के साथ; लेकिन अभी आपको इंडिया वापस आने से पहले तवाफ़-अल-विदा जरूर करना है, ये वाजिब है, यानि की आपको हरम छोड़ने से पहले ये जरूर करना है.
ये तवाफ़ करने के बाद आपको कोई सई करने की या सर सुमंडवाने की कोई जरुरत नहीं लेकिन इस तवाफ़ के बाद आपको 2 रिकात नफिल नमाज भी पढ़नी है, और अब ये सब करने के बाद आप अपने देश इंडिया वापस आ सकते हैं.
मुबारक हो आपका हज यहाँ पूरा होता है, और आप अब हाजी बन गए हैं,अब आपको अपनी जुबान का ख्याल रखना है; और नमाज और कुरआन की तिलावत का पाबंद बन जाना है.
आज आपने क्या जाना?
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अल्लाह हाफिज !!!